चाँद ( गीत )
चाँद तारों की रौशनी में नहाने लगा
रौनक बढ़ती गयी चमचमाने लगा
अकेला सफ़र में चला जा रहा था
किसी ने आवाज़ दी मुस्कुराने लगा
शरारत-शरारत मस्ती ही मस्ती
ठहर गये हम भी नज़र नहीं हटती
नाज़-ओ-नख़रे दिखाने लगा
किसी ने आवाज़ दी .....
लुका-छिपी खेलने में तुमको मज़ा आता है
क्यों बादलों के आँचल में छुप जाता है
मुस्कूरा के बहाने बनाने लगा
किसी ने आवाज़ दी ,,,,,
अन्धेरी रातों के बदले दिन में चले आओ
हमसे दोस्ती करके दूरियाँ मिटाओ
वो इशारों-इशारों में समझाने लगा
किसी ने आवाज़ दी .....
हमने पूछा अपना तारुर्फ तो कराओ
बहोत हंसी हो अपना नाम तो बताओ
बोला "रत्ती" तुम अजनबी हो दूर जाने लगा
बोला "रत्ती" तुम अजनबी हो दूर जाने लगा
किसी ने आवाज़ दी .....
"mind blowing " interesting creation.
ReplyDeleteRegards
बहुत अच्छे रत्ती साब .... बढ़िया ब्लॉग
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