शहीद
शहीदों आपको कोटि-कोटि प्रणाम,
देश पे न्योछावर किए अपने प्राण
यूँ कोई किसी को फूटी कोडी न दे,
सब कुछ लुटा दिया तुम हो महान
सारे क़र्ज़ चुका देंगे हम किसी तरह,
आपके क़र्ज़ तले रहेगा हिदोस्तान
दुनिया की कोई दौलत या दवा भी,
जिंदा न कर पायेगी जो गुज़रा इंसान
देश भक्ती का जज्बा, हौसले बुलंद,
पास तुम्हारे बहुत था कीमती सामान
खो गया है वो बादलों की परछायी में,
रो रहा है आज हर छोटा-बड़ा इंसान
तुम ही तुम हो सीमाओं के रक्षक,
मार दिया दुश्मन को जो देखा अनजान
हमें फख्र है तुम्हारी शहादत का वीरों,
अफसोस भी बहुत बिछडी अनमोल जान
भारत माँ के सपूतों की बड़ी कुर्बानी,
ना भूलना "रत्ती" कभी वो महान इंसान
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