स्वागत २०१७
नन्हे-नन्हे पलों ने २०१६ सरकाया
चुपके से साल २०१७ आया
हर साल उम्मीदों भरा होता है
इंसान कुछ पता है कुछ खोता है
काल ने फिर पहिया घुमाया
चुपके से साल २०१७ आया
हरी-भरी चुनौतियां आयेंगी
कभी हसायेंगी कभी रुलायेंगी
कौन है इनसे बच पाया
फर्श से अर्श छूने की चाह
कदम बढ़ाते ही दिखेगी राह
"रत्ती" हिम्मत से मिले सरमाया
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