Monday, December 24, 2012

ग़ज़ल - 9
जो देना है मुझे सजा कर दे I
अपने हाथों से पास सब धर दे    I 1 I
 
वो जफ़ा ही करे वफ़ा करके I
प्यार तौले बखील कमतर दे    I 2 I
 
बारहा टूटता है दिल क्यूँ कर I
रोज़ कोई न कोई ठोकर दे    I 3 I
 
हूँ गुनहगार मैं के तुम जानाँ I
प्यार के बदले हाय खंजर दे    I 4 I
 
आँख में धूल झोंकना आसां I
सिलसिलेवार दुख सितमगर दे    I 5 I
 
ख़ुदकुशी न कर ले तेरे ग़म में I
आ अभी मिल गले ख़ुशी भर दे   I 6 I
 
महफिलें सज गयी ग़ज़ल की फिर I
दाद पे दाद सब सुखनवर दे    I 7 I
 
मुनफरिद राह प्यार की "रत्ती" I
जंग-ए-इश्क़ दर्द न भर दे    I 8 I