अच्छा नहीं
मुझे बेवफा न समझो, ये अच्छा नहीं
सच तो आयेगा सामने, छुप सकता नहीं
मुझे बेवफा न समझो .....
माना के हमसे कोई, ख़ता हुई होगी,
ज़रा सी चोट से कोई, मर सकता नहीं
मुझे बेवफा न समझो .....
तुम मेरे हमसफर हो, मेरा भी तो हक़ है,
तुमको मैं छेड़ दूँ, तो कुछ घटता नहीं
मुझे बेवफा न समझो .....
अगर ऐसी बात है तो, हम चुप ही बेहतर,
ये नोक-झोंक, गिला-शिकवा, अच्छा नहीं
मुझे बेवफा न समझो .....
छोटी सी बात की, इतनी बड़ी सज़ा,
संगदिल भी रोता एक दिन, बचता नहीं
मुझे बेवफा न समझो .....
यक़ीं कर लो हमारा, मुहब्बत है तुमसे,
क्या करे "रत्ती", बिना बोले रह सकता नहीं
मुझे बेवफा न समझो .....
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