"ख़ाब" (सपने)
ख़ाब हम सोते हुए भी देखते हैं
भूल जाते हैं
और जागते हुए भी
या यूँ कहें ख़ाब देखना इंसान की फितरत है
यादें जमा तज़ुर्बा जमा ख़ाब
ये फार्मूला - मंज़िल के क़रीब ले जायेगा
ख़ाब हर शै देने की हिमाक़त रखते हैं
फक़त बुलंद हौसले, इरादे और बढते क़दमों की ज़रूरत है
ऐसे शख्स हयात की ठोकरों को झेलते
तूफ़ान जैसे मसायल से लड़ते
मंजिले मक़सूद को अपने क़रीब
अपनी आगोश में ले लेते हैं
वफ़ा से भरा नज़रिया
तंदरुस्त सोच का होना लाज़ीमी है
हरेक के वास्ते
फ़रेबी ने जाल बुना, सपना संजोया अमीरी का
और लूट ले गया सरमाया मासूमों का
ये ख़ाब तशदूद वाला, डरावना है
हथकड़ी, बेड़ियाँ और सलाखों से
तारुफ़ ज़रूर करवाएगा
तहज़ीब पसंद, अमन पसंद ऐसे खाबों से
कोसों दूर रहना चाहते हैं
सपने क्या कोई मर्ज़ हैं,
रवायत हैं, फितरत हैं, सोच हैं, फुतूर हैं
क्या हैं ?
मैं तो कहूँ अच्छे ख़ाब आनेवाले कल में
तोहफें लेकर खड़े हैं
आपको अच्छे लगते हैं तो जनाब
सपनों के नगीने, हीरे-मोती चुने
जो आपको ताउम्र बेशुमार दौलत और सुकून देंगे .....
ख़ाब हम सोते हुए भी देखते हैं
भूल जाते हैं
और जागते हुए भी
या यूँ कहें ख़ाब देखना इंसान की फितरत है
यादें जमा तज़ुर्बा जमा ख़ाब
ये फार्मूला - मंज़िल के क़रीब ले जायेगा
ख़ाब हर शै देने की हिमाक़त रखते हैं
फक़त बुलंद हौसले, इरादे और बढते क़दमों की ज़रूरत है
ऐसे शख्स हयात की ठोकरों को झेलते
तूफ़ान जैसे मसायल से लड़ते
मंजिले मक़सूद को अपने क़रीब
अपनी आगोश में ले लेते हैं
वफ़ा से भरा नज़रिया
तंदरुस्त सोच का होना लाज़ीमी है
हरेक के वास्ते
फ़रेबी ने जाल बुना, सपना संजोया अमीरी का
और लूट ले गया सरमाया मासूमों का
ये ख़ाब तशदूद वाला, डरावना है
हथकड़ी, बेड़ियाँ और सलाखों से
तारुफ़ ज़रूर करवाएगा
तहज़ीब पसंद, अमन पसंद ऐसे खाबों से
कोसों दूर रहना चाहते हैं
सपने क्या कोई मर्ज़ हैं,
रवायत हैं, फितरत हैं, सोच हैं, फुतूर हैं
क्या हैं ?
मैं तो कहूँ अच्छे ख़ाब आनेवाले कल में
तोहफें लेकर खड़े हैं
आपको अच्छे लगते हैं तो जनाब
सपनों के नगीने, हीरे-मोती चुने
जो आपको ताउम्र बेशुमार दौलत और सुकून देंगे .....
जिंदगी बस एक ख्वाब है !
ReplyDeletebahut khoob
ReplyDeleteख्वाब है.......
ReplyDeleteARIF JAMAL
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