दुःख भरी कहानी - गीत १
मंज़िल कोई आसां न मिलती होती है परेशानी
देश तुम्हारा मांग रहा है दे दो क़ुर्बानी
आज महफूज़ नहीं है देश की कोई सीमा
सरहद पे रहनेवालों का मुश्किल है जीना
चप्पे-चप्पे की रक्षा सेना करे निगरानी
देश तुम्हारा मांग रहा है दे दो क़ुर्बानी
हर कोने में गद्दार छुपे खतरा उनसे ज़्यादा
हमको जिंदा दफ़न करने का उनका है इरादा
दुश्मनों को सबक सिखायेंगे हम हिन्दुस्तानी
देश तुम्हारा मांग रहा है दे दो क़ुर्बानी
बेगुनाहों और मासूमों का लहू बहानेवाले
देशद्रोही है भारत के मनसूबे उनके काले
बुलंद होंसलों में ताक़त है कोई न करे मनमानी
देश तुम्हारा मांग रहा है दे दो क़ुर्बानी
एकता और भाईचारे की बहुत कमी है
दिलों में नफरत भरी हुई प्यार कहीं नहीं है
यही तो है भारत की दुःख भरी कहानी
देश तुम्हारा मांग रहा है दे दो क़ुर्बानी
मंज़िल कोई आसां न मिलती होती है परेशानी
देश तुम्हारा मांग रहा है दे दो क़ुर्बानी
आज महफूज़ नहीं है देश की कोई सीमा
सरहद पे रहनेवालों का मुश्किल है जीना
चप्पे-चप्पे की रक्षा सेना करे निगरानी
देश तुम्हारा मांग रहा है दे दो क़ुर्बानी
हर कोने में गद्दार छुपे खतरा उनसे ज़्यादा
हमको जिंदा दफ़न करने का उनका है इरादा
दुश्मनों को सबक सिखायेंगे हम हिन्दुस्तानी
देश तुम्हारा मांग रहा है दे दो क़ुर्बानी
बेगुनाहों और मासूमों का लहू बहानेवाले
देशद्रोही है भारत के मनसूबे उनके काले
बुलंद होंसलों में ताक़त है कोई न करे मनमानी
देश तुम्हारा मांग रहा है दे दो क़ुर्बानी
एकता और भाईचारे की बहुत कमी है
दिलों में नफरत भरी हुई प्यार कहीं नहीं है
यही तो है भारत की दुःख भरी कहानी
देश तुम्हारा मांग रहा है दे दो क़ुर्बानी
Yaad aa gayeen wo panktiyan...."Lahoo mangta hai zameene watan!"
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