Tuesday, May 20, 2008

आज का भगवान

आज का भगवान
मैं हूँ मैं जो कहता हूँ
वह करके रहता हूँ¡
अगर विश्वास न हो तो,
कुछ बातें कहता हूँ
मुझे पाने के लिये लोग
बड़े से बड़ा जुर्म किये जाते हैं

सच्चाई से कुछ नहीं होता,
मेरे लिये झूठ पर झूठ बोले जाते हैं
सिर्फ मेरे ही बल पर सारी उलझनों को हल कर
कुछ तो पिस्ते बादाम खाते हैं
अब तो बुरा हाल है भईया
दो वक़्त की रोटी तो दूर
दाने-दाने को तरस जाते हैं
सरकारी हो या ग़ैर सरकारी

सभी वर्गों के कर्मचारी मुझे उपयोग में लाते हैं
जिसके कई नाम हैं
जैसे दान, चायपानी, मस्का, रिश्वत,
भाई ख़ाली रोटी से तो पेट नहीं भरता पर,
मेरे लिये ज़रुरत पड़े तो
लोगों का ख़ून तक पी जाते हैं
मैं जिसके साथ रहूँ

जिंदगी उसकी निराली है
हर सुबह को वह होली खेले
हर शाम उसकी दिवाली है
मैं जिससे रुठ जाऊं
चाल शराबी वाली है

खाने को दिल करे कभी
कुछ पर जेब पड़ी ख़ाली है
इसीलिये कहते हैं यारो

मैं मैं हूँ मैं जो कहता हूँ
वो करके रहता हूँ दुनिया को बस में करता हूँ
अगर कोई शक हो दिल में तो अंत में
ये कहता हूँ आज का भगवान है बड़ा महान
पहले तो वो उपरवाला रब्ब था
लेकिन अब मैं हूँ श्रीमान
नगद है भगवान भइया .....
नगद है भगवान भइया .....

1 comment:

  1. सही फरमाया आपने!आज की यही सच्चाई है!...भगवान के नाम का ग़लत इस्तेमाल हो रह है!....

    ReplyDelete