"बदगुमानी"
वो शिकार हो गया है बदगुमानी का,
वक़्त आया जैसे किसी की क़ुर्बानी का
कुछ लोगों की होती अजीब हरकतें,
उम्दा सुबूत पेश करते नादानी का
खुद गुमराह हुए हैं या किये गए हैं,
एक अनोखा सबब पाया परेशनी का
बदगुमां दमाग में रोज़न होने लगे,
बरपा बेमज़ा कहर शऊर मनमानी का
जाने कैसे "रत्ती" तौफ़ीक़ ने पाँव पसारे
नया फुतूर देखा हैरतअंगेज़ कहानी का
शब्दार्थ
बदगुमानी = गलत धारणा, गुमराह = पथभ्रष्ट
सबब = कारण, बदगुमां = संशयी, रोज़न = छेद, बरपा = उपस्थित
शऊर = तरीका, तौफ़ीक़ = हिम्मत, शक्ति, फ़ूतूर = दोष
Behad sundar rachana!
ReplyDeleteउम्दा गज़ल!!
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